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Republic day- 2025,गणतंत्र दिवस के शुभ अवसर पर एक छोटा सा भाषण और गणतंत्र दिवस की जानकारी

भारत में हर साल 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस मनाया जाता है। और हर साल कुछ न कुछ खास तरीके से ही मनाया जाता है। भारत अबकी बार 76वाँ गणतंत्र दिवस कुछ खास तरीके से मनाने जा रहा है आइए देखते है भारतीय गणतंत्र दिवस की कुछ खास बाते।

26 जनवरी भारत का वो त्यौहार है जब भारत में पहली बार लोकतांत्रिक देश का निर्माण हुआ था। इससे पहले न जाने कितने भारत के वीर सपूत भारत की मिट्टी में शहीद हुए थे। 15 अगस्त 1947 में भारत आजाद तो हो गया परन्तु उस समय भारत में कोई भी शासन लागू नहीं किया गया था। भारत के आजादी के बाद संविधान सभा का गठन किया गया।

भारत की सैन्य शक्ति

भारत दुनिया का चौथा शक्तिशाली देश है। पहले स्थान पर अमेरिका दूसरे स्थान पर रूस और तीसरे स्थान पर चीन की मजबूती है। भारत चौथा शक्तिशाली देश बन गया है। यह बात ग्लोबल फायरपावर ने 145 देशों में जांच करके बताई है।

संविधान की रूपरेखा

संविधान, किसी भी देश का मौलिक कानून है जो देश की विभिन्न अंगों की रूपरेखा और मुख्य कार्य का निर्माण करती है। साथ ही साथ यह किसी भी सरकार और जनता के बीच संबंध स्थापित करती है। भारत का संविधान 26 नवंबर 1949 को बनकर रेडी हो गया था संविधान लागू करने में पूरा 2 महीना लगकर 26 जनवरी 1950 को लागू हो गया था भारत के संविधान में 395 अनुच्छेद, तथा 12 अनुसूचियां हैं। ये 25 भागों में विभाजित है। निर्माण के समय हमारे मूल संविधान में 395 अनुच्छेद जो 22 भागों में विभाजित थे और उनमें 8 अनुसूचियां थी। हमारे संविधान में भारत के संसदीय स्‍वरूप की विस्तृत व्‍यवस्‍था है। भारत के संविधान की संरचना संघीय है।

गणतंत्र दिवस का महत्व

भारतीय संविधान के मुख्य वास्तुकार डॉ बी आर आंबेडकर जी ने कहा था संविधान महज एक वकील की डिग्री नहीं हर भारतीय की भावना समाहित है।इस संविधान को अपनाने के उपलक्ष्य में 76वाँ गणतंत्र दिवस बहुत ही धूम धाम से मनाने की तैयारी काफी जोरो से चल रही है। भारत के प्रत्येक राज्य में तीनो सेनाओं की तैयारी करीब बीते एक सप्ताह से चल रही है।

भारतीय संविधान सभा का गठन

भारतीय संविधान सभा का गठन 1946 में हुआ था उस समय कुल सदस्यों की संख्या 389 थी फिर कुछ समय बाद 1947 में भारत का विभाजन हो गया जिसमें पाकिस्तान अलग देश बन गया उस समय संविधान सभा में 389 सदस्यों से घटकर 299 सदस्य ही बचे थे संविधान लागू होते होते कुल 284 सदस्य बचे थे जिनमें 15 महिलाएं भी शामिल थी। इस पूरे संविधान सभा के अध्यक्ष डॉ बी आर आंबेडकर जी को बनाया गया था।

भाषण

गणतंत्र दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं हमारे शिक्षकगढ़ और हमारे प्यारे साथियों

आज का दिन

हमारे देश में आज का दिन इतिहास में एक गौरवशाली त्यौहार के रूप में मनाया जाता है। आज हम सब यहां इसलिए इकठ्ठा हुए है क्योंकि हम लोग यह धूम धाम से गणतंत्र दिवस मना सके। क्योंकि यह दिन हमे हमारे संविधान की याद दिलाता है भारत का संविधान 26 जनवरी1950 को पूर्णतया लागू हो गया था।

राष्ट्रवीरों की यादें।

हमे गणतंत्र दिवस पर सिर्फ झंडा फहरा लेने या परेड कर लेने के रूप में नहीं। बल्कि उन सभी देशवासियों व स्वतन्त्रता सेनानियों को भी नमन करना चाहिए और उन्हें याद करना चाहिए जिन्होंने अपना बलिदान देकर स्वतंत्रता दिलाई है। ताकि हम अपना लोकतंत्र स्थापित कर सके। आज के दिन हमारे संविधान निर्माता डॉ बी आर आंबेडकर और और उनके हजारों साथियों का योगदान हमेशा अविस्मरणीय रहेगा।

अपना अधिकार

आज का दिन हमे हमारे अधिकार ही नहीं अपने कर्तव्यों को सजग करके इसकी याद दिलाता है। हमारा लक्ष्य सिर्फ अपना परिवार चलाना नहीं है बल्कि अपने समाज और देश के प्रति संघर्षशील होना भी है। हमे अपने देश को मुख्य रूप से विकसित करने के लिए ईमानदारी, अच्छी शिक्षा और अपने परिश्रम को प्राथमिकता देनी होगी।

आइए हम सब संकल्प ले..

आइए हम संकल्प ले कि अपने देश के प्रति कर्तव्यों का पूरे विश्वास के साथ पालन करेंगे। और देश की एकता और अखंडता को बनाए रखने के लिए काम करेंगे। अपने अधिकारों के साथ दूसरों के अधिकारों का ध्यान रखेंगे।

 

 

 

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